लखनऊ। यूपी के कानपुर देहात के सरवनखेड़ा ब्लॉक के करसा प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका प्रीती शर्मा द्वारा स्कूल में तैनात दलित रसोइया मुन्नी देवी से शौचालय साफ कराया जाता रहा। मामले की जांच करने पहुंची शासन की दो सदस्यीय समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में प्रीती शर्मा को स्कूल में दलित रसोइया से शौचालय साफ कराने का दोषी पाया, लेकिन प्रीती शर्मा के खिलाफ दलित एक्ट के तहत अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

एक सामाजिक संगठन ने केन्द्रीय एससी आयोग में मामला उठाया और सारे साक्ष्य सुनवाई कर रहे आयोग के सदस्य लवकुश कुमार के सामने रखे। लवकुश कुमार ने सुनवाई में मौजूद एडीएम कानपुर देहात को निर्देश दिये कि दस दिन में प्रीती शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए, दो सितंबर को हुई सुनवाई के दो माह बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है। प्रधानाध्यापिका पर कोई कार्रवाई न होना सरकार और जिला प्रशासन की दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में यूपी समेत पूरे देश में दलित उत्पीडऩ की घटनाएं बढ़ रहीं हैैं और दलितों की सबसे बड़ी नेता कहे जाने वाली मायावती शांत हैं।