विधानसभा में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं विमुक्त जातियों की संयुक्त समिति के सभापति ने प्रमुख सचिव राजस्व को दिये निर्देश
कमल जयंत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं विमुक्त जातियों की संयुक्त समिति के सभापति और भाजपा विधायक दीनानाथ भास्कर ने शुक्रवार को विधानसभा स्थित समिति कक्ष में राजस्व विभाग की समीक्षा की। बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व समेत विभाग के अन्य वरिष्ठï अधिकारी भी मौजूद थे। भास्कर ने प्रमुख सचिव से यह जानना चाहा कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में दलितों, पिछड़ा वर्ग और गरीब सवर्णों को आवासीय और कृषि योग्य भूमि आवंटित की गयी, लेकिन इन वर्गों को अभीतक पट्टा की गयी जमीनों पर कितने फीसदी लोगों को कब्जा मिला है और अगर पट्टा गयी जमीनों पर इन वर्गों को कब्जा नहीं मिला है, उसका क्या कारण है।
दीनानाथ भास्कर ने प्रमुख सचिव को निर्देश दिये कि वे विभागीय अधिकारियों से इस बात की जानकारी हासिल कर लें कि किन-किन जिलों में पट्टे की जमीन पर कब्जा नहीं दिलाया गया है। अगर पट्टे पर दी गयी जमीन पर किसी भी तरह की कोई कानूनी अड़चन है या उस जमीन पर किसी ने कोर्ट से स्थगनादेश ले लिया है तो विभाग उसकी पैरवी करके उस स्थगनादेश को खाली कराये और वास्तविक हकदार जिसे उस जमीन का पट्टा किया गया है, उसे तत्काल मौके पर कब्जा दिलाया जाए। ताकि ये वर्ग आवास के लिए आवंटित जमीन पर अपना आवास बना सके और अगर कृषि के लिए जमीन दी गयी है तो वह उसपर खेती करना शुरू कर सके।
दलितों, पिछड़ों को आवंटित भूमि पर उन्हें एक माह में कब्जा दिलाएं
दीनानाथ भास्कर ने विभागीय अधिकारियों को दिये निर्देश में कहा कि सरकार ने गांवों में ही इन वर्गों को पट्टे पर जमीन आवंटित की है और वहां जमीन को लेकर ही सबसे ज्यादा विवाद रहता है। गांव के प्रभावशाली और दबंग लोग पट्टे की जमीन पर दलितों, पिछड़ों को कब्जा नहीं करने देते हैं। ऐसे में सरकार द्वारा जिस मकसद के तहत इन वर्गों को जमीन आवंटित की जाती है, उस पर ये दबंग पानी फेर देते हैं। लिहाजा हर हाल में एक माह के अंदर इन वर्गों को पट् टे की जमीन पर कब्जा दिलाया जाए और वस्तुस्थिति से समिति को भी अवगत कराया जाए।
