राज्य में भूमि सुधार कानून लागू न होने की वजह से गरीब अपना परिवार चलाने के लिए कर रहा मजदूरी
कमल जयंत
भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक शशि शर्मा का कहना है कि बिहार में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। इसमें कौन जीतेगा, कौन हारेगा। इसको लेकर बिहार की जनता में जिज्ञासा जरूर है, लेकिन बिहार में मूल समस्या गरीबी है। गरीबी का मुख्य कारण वहां कभी भी भूमि सुधार आंदोलन नहीं चला और न ही वहांंं जमीनों की चकबंदी हुई। वहां नेताओं ने भी इसे जरूरी नहीं समझा। बिनोवा भावे का भू दान आंदोलन भी बिहार को प्रभावित नहीं कर सका। जिसका नतीजा यह रहा कि वहां की सवर्ण जातियों के पास तो बहुत ज्यादा यानि पूरे बिहार की लगभग नब्बे फीसदी भूमि है, वहीं गरीबों के पास भूमि का एक टुकड़ा भी नहीं है। बिहार की नब्बे फीसदी जनता के पास जमीन न होने की वजह से उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति बद से बदतर होती चली गयी जो आज भी बदस्तूर जारी है।

हालांंकि बिहार के लोगों में राजनीतिक और सामाजिक चेतना अन्य राज्यों की अपेक्षा कहीं अधिक है। कई आंदोलनों की शुरुआत भी बिहार से ही हुई। लेकिन भूमि को लेकर विषमता के कारण वहां गरीब और अधिक गरीब होता जा रहा है और इसके ठीक उलट अमीर और अमीर होता जा रहा है। उनका कहना है कि भूमि सुधार के संबंध में केन्द्र सरकार ने बिहार राज्य से प्रस्ताव मांगा था, उस समय राज्य के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव ने केन्द्र सरकार को यह लिखकर भेज दिया कि राज्य की जमीन समतल नहीं है और अन्य राज्यों की अपेक्षा यहां के लैंड के हालात अलग हैं, लिहाजा यहां भूमि सुधार संभव नहीं है।
गरीब दिन प्रतिदिन और गरीब होता जा रहा, जबकि अमीर और भी ज्यादा अमीर हो रहा है
केन्द्र सरकार ने उनके इस प्रस्ताव को मान लिया। जिसका नतीजा यह रहा कि बिहार में आजतक जमीनों की चकबंदी नहीं हो सकी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वहां चकबंदी तो चाहते हैं, लेकिन वहां की दबंग जातियों के प्रभाव में हैं और नब्बे फीसदी जमीन पर उन्हीं दबंग जातियों का कब्जा है। दरअसल चुनाव प्रभावित करने में इन्हीं दबंग जातियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसकी वजह से वे चाहकर भी राज्य में भूमि सुधार लागू करने की बात नहीं कर पा रहे हैं।
शशि शर्मा का कहना है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर रहीं हैं। अपराधियों पर राज्य की योगी सरकार के इकबाल का खौफ है। महिलाओं से छेड़छाड़ करने व उन्हें परेशान करने वालों पर सरकार की सख्ती ने गुंडों के हौसले पस्त किये हैं। लेकिन एक बात और कहना चाहेंगे महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ होने वाले अपराध तभी पूरी तरह से बंद होंगे जब पुरुषों का माइंड सेट बदलेगा। बिना इसके महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध पर पूरी तरह से रोक लगाना थोड़ा मुश्किल होगा।