सरकारी नौकरियों, कंपनियों में उच्च जाति के लोग
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार के कुटुंबा में एक चुनावी रैली में बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत की बड़ी कंपनियों, सरकारी नौकरियों और सेना में सवर्ण जातियों का दबदबा है। उनका कहना है कि देश की 90′ आबादी वाले दलित, पिछड़ी जातियां और अल्पसंख्यक इन महत्वपूर्ण जगहों पर पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। यह बयान उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले आज दिया है। राहुल गांधी ने राष्ट्रीय जातिगत जनगणना की मांग को दोहराते हुए कहा कि यह समान प्रतिनिधित्व और संवैधानिक अधिकारों के लिए बहुत जरूरी है। उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे खतरनाक बताया है।

राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि अगर 500 बड़ी कंपनियों की सूची देखी जाए तो उनमें दलित, अत्यंत पिछड़ी जातियां, महादलित, अल्पसंख्यक और आदिवासी नजर नहीं आएंगे। उन्होंने दावा किया कि ये सभी लोग देश की केवल 10′ आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो सवर्ण जातियों से आते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बैंकों का सारा धन, सारी नौकरियां और नौकरशाही में महत्वपूर्ण पद इन्हीं सवर्ण जातियों को मिलते हैं। उन्होंने सेना पर भी सवर्णों के नियंत्रण का आरोप लगाया। हालांकि, सेना के पास इस तरह के जातिगत आंकड़ों का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है। इसी तरह, उच्च न्यायपालिका के बारे में भी सीमित जानकारी ही उपलब्ध है। राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय आया जब वे कुटुंबामें एक रैली को संबोधित कर रहे थे, जो एक अनुसूचित जाति आरक्षित सीट है।
’महत्वपूर्ण संस्थाओं पर सवर्ण जातियों का ही नियंत्रण’
राहुल गांधी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि कॉर्पोरेट जगत, नौकरशाही और सेना जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं पर सवर्ण जातियों का ही नियंत्रण है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश की 90′ आबादी बनाने वाले दलित, पिछड़ी जातियां और अल्पसंख्यक इन जगहों पर पर्याप्त संख्या में मौजूद नहीं हैं। उन्होंने राष्ट्रीय जातिगत जनगणना की मांग को फिर से दोहराया और कहा कि यह समान प्रतिनिधित्व और संवैधानिक अधिकारों के लिए बहुत जरूरी है।